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COMPUTER NETWORKING NETWORK TOPOLOGY

Computer Memory | Secondary Memory | Storage Device

 COMPUTER NETWORKING  | NETWORK TOPOLOGY

 

Computer Network

 

कंप्यूटर नेटवर्किंग  | नेटवर्क टोपोलॉजी 


कंप्यूटर नेटवर्क  (COMPUTER NETWORK)

एक कंप्यूटर नेटवर्क दो या दो से अधिक कंप्यूटरों का एक दूसरे से जुड़ाव होता है जो सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में सक्षम होते हैं। कंप्यूटर को किसी भी डेटा कम्युनिकेशन लिंक के माध्यम से जोड़ा जा सकता है, जैसे ट्विस्टेड पेयर केबल, को-एक्सेल केबल, ऑप्टिकल फाइबर, माइक्रोवेव ट्रांसमिशन अथवा सेटेलाइट। नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर पर्सनल कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर, या मैनफ्रेम हो सकते हैं। एक नेटवर्क में कंप्यूटर एक कमरे, भवन, शहर, देश, या दुनिया में कहीं भी स्थित हो सकते हैं।

नेटवर्क के प्रकार (Types of Network)

विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्क प्रकार निम्नलिखित विशेषताओं के आधार पर एक दूसरे से भिन्न होते हैं:

  • नेटवर्क का आकार : नेटवर्क का आकार उस क्षेत्र को संदर्भित करता है जिस पर नेटवर्क फैला हुआ है। 

  • ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी : ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी से तात्पर्य उस ट्रांसमिशन मीडिया से है जो कंप्यूटर को नेटवर्क पर कनेक्ट करने के लिए और ट्रांसमिशन प्रोटोकॉल को कनेक्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है। 

  • नेटवर्किंग टोपोलॉजी : नेटवर्क टोपोलॉजी नेटवर्क या नेटवर्क के आकार पर कंप्यूटर की व्यवस्था को संदर्भित करता है। 


कंप्यूटर नेटवर्क को मुख्यतः तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है : - 

  1. लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) 

  2. मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क (MAN)  

  3. वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) 

Types of Computer Network



लोकल एरिया नेटवर्क  (Local Area Network)


लोकल एरिया नेटवर्क को संक्षेप में LAN कहा जाता है,  यह एक ऐसा नेटवर्क है जिसका प्रयोग दो या दो से अधिक कंप्यूटर को जोड़ने के लिए किया जाता है| लोकल एरिया नेटवर्क स्थानीय स्तर पर काम करने वाला नेटवर्क है| यह एक ऐसा कंप्यूटर नेटवर्क है जो एक छोटे से क्षेत्र जैसे एक कमरे, भवन, कार्यालय या कुछ किलोमीटर तक फैले परिसर में कंप्यूटर को जोड़ता है। वे निजी स्वामित्व वाले नेटवर्क हैं, जिसका उद्देश्य संसाधनों को साझा करना (Resource Sharing) और सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है।

लोकल एरिया नेटवर्क में कंप्यूटर आमतौर पर केबल का उपयोग करके जुड़े होते हैं। लैन नेटवर्क साझा करने के बाद से अन्य प्रकार के नेटवर्क से अलग है। LAN में उपयोग किए जाने वाले कुछ ट्रांसमिशन प्रोटोकॉल ईथरनेट, टोकन बस और FDDI रिंग हैं।

लोकल एरिया नेटवर्क में स्टार, बस और रिंग नेटवर्किंग टोपोलॉजी प्रयोग की जाती हैं। लोकल एरिया नेटवर्क 10 एमबीपीएस से 100 एमबीपीएस की गति से चलता है। WiFi वायरलेस नेटवर्क तकनीक पर आधारित LAN को वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (WLAN) कहा जाता है।


मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क  (Metropolitan Area Network)


मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN) एक शहर में फैला कंप्यूटर नेटवर्क है। केबल टेलीविजन नेटवर्क,  मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN)  का एक उदाहरण है। एक मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क में कंप्यूटर को एक्सियल केबल या फाइबर ऑप्टिक केबल का उपयोग करके जुड़े हुए हैं। मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN) एक शहर में फैले कई LAN को भी जोड़ता है।

यह एक ऐसा उच्च गति वाला नेटवर्क है जो आवाज, डाटा और इमेज को 200 मेगाबाइट प्रति सेकंड या इससे अधिक गति से डाटा को 75 कि.मी. की दूरी तक ले जा सकता है| यह लेन (LAN) से बड़ा तथा वेन (WAN) से छोटा नेटवर्क होता है | इस नेटवर्क के द्वारा एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ा जाता है |

इसके अंतर्गत दो या दो से अधिक लोकल एरिया नेटवर्क एक साथ जुड़े होते हैं. यह एक शहर के सीमाओ के भीतर का स्थित कंप्यूटर नेटवर्क होता हैं. राउटर, स्विच और हब्स मिलकर एक मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क का निर्माण करता हैं.


वाइड एरिया नेटवर्क  (Wide Area Network)

वाइड एरिया नेटवर्क  (WAN) क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नेटवर्क होता है| यह नेटवर्क न केवल एक बिल्डिंग, न केवल एक शहर तक सीमित रहता है बल्कि यह पूरे विश्व को जोड़ने का कार्य करता है अर्थात् यह सबसे बड़ा नेटवर्क होता है इसमें डाटा को सुरक्षित भेजा और प्राप्त किया जाता है |

इस नेटवर्क मे कंप्यूटर आपस मे लीज्ड लाइन या स्विच सर्किट के दुवारा जुड़े रहते हैं. इस नेटवर्क की भौगोलिक परिधि बड़ी होती है जैसे पूरा शहर, देश या पूरे विश्व में  फैला नेटवर्क. इन्टरनेट इसका एक अच्छा उदाहरण हैं. बैंको की ATM सुविधा भी वाईड एरिया नेटवर्क का उदाहरण हैं.  

WAN एक नेटवर्क है जो शहरों, देशों, महाद्वीपों या दुनिया भर में लंबी दूरी पर कंप्यूटर को जोड़ता है। WAN कनेक्ट करने के लिए टेलीफोन लाइन, सैटेलाइट लिंक और रेडियो लिंक का उपयोग करता है। वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) में एक ही समय में कई कंप्यूटर एक साथ किसी भी नेटवर्क / साईट पर जुड़ने में सक्षम होते हैं. WAN नेटवर्क खुद को विकसित करने में सक्षम होना चाहिए।



नेटवर्क टोपोलॉजी (Network Topology)

नेटवर्क टोपोलॉजी किसी नेटवर्क की आकृति या ले-आउट को कहा जाता है | नेटवर्क के विभिन्न नोड किस प्रकार एक दूसरे से जुड़े होते है तथा कैसे एक दूसरे के साथ कम्युनिकेशन स्थापित करते है, यह नेटवर्क को टोपोलॉजी ही निर्धारित करता है. नेटवर्क टोपोलॉजी फिजिकल या लॉजिकल हो सकती है|

विभिन्न कंप्यूटर्स को आपस में जोड़ने एवं उसमें डाटा शेयरिंग की विधि टोपोलाॅजी कहलाती है। टोपोलॉजी किसी नेटवर्क में कंप्यूटर्स के ज्यामितिक व्यवस्था (Geometric arrangement) को कहते है |”

“Topology is a Layout of Networks

नेटवर्क टोपोलॉजी सामान्यत: निम्नलिखित प्रकार की होती है:-

  1. बस टोपोलॉजी (Bus Topology)

  2. रिंग टोपोलॉजी (Ring Topology)

  3. स्टार टोपोलॉजी (Star Topology)

  4. मेश टोपोलॉजी (Mesh Topology)

  5. ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology)


बस टोपोलॉजी (Bus Topology) 



बस टोपोलॉजी (Bus Topology) में नेटवर्क पर सभी डिवाइस एक कोएक्सियल केबल के माध्यम से जुड़े हुए हैं जिसे बस कहा जाता है. इसमें एक ही तार (Cable) का प्रयोग होता है और सभी कम्प्यूटरो को एक ही केबल से एक ही क्रम में जोड़ा जाता है| केबल के प्रारम्भ तथा अंत में एक विशेष प्रकार का संयंत्र (Device) लगा होता है जिसे टर्मिनेटर (Terminator) कहते है| इसका कार्य सिग्नल्स (Signals) का नियंत्रण करना होता है |

Network Topology Bus Topology


इसमें डेटा सिग्नल डेस्टिनेशन कंप्यूटर के एड्रेस को लेकर चलता हैं, एवं  नेटवर्क पर प्रत्येक कंप्यूटर उस एड्रेस की जांच करता है। जिस कंप्यूटर का एड्रेस मैच करता है, वह भेजे गए सिग्नल की एक कॉपी कर उसे डेटा में परिवर्तित करता है। इसके बाद भी बस पर डेटा सिग्नल नष्ट नहीं होता है और बस के साथ-साथ प्रसारित होता है, और अंत में नेटवर्क के अंत से जुड़ी टर्मिनेटर द्वारा अवशोषित किया जाता है। ईथरनेट बस टोपोलॉजी द्वारा जुड़े नेटवर्क में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला प्रोटोकॉल है। एक कोएक्सियल केबल का उपयोग आमतौर पर बस टोपोलॉजी में किया जाता है, जिसमें कंप्यूटर या उपकरण जुड़े होते हैं।

लाभ (Advantages) – 

  • यह 15-20 कंप्यूटरों को जोड़ने के लिए अच्छा है।

  • बस टोपोलॉजी को स्थापित (Install) करना आसान होता है|

  • इसमें स्टार व ट्री टोपोलॉजी की तुलना में कम केबल की आवश्यकता होती है|

हानि (Disadvantages) –

  • किसी एक कम्प्यूटर की खराबी से सारा डाटा संचार रुक जाता है |

  • बाद में किसी कम्प्यूटर को जोड़ना अपेक्षाकृत कठिन है |



रिंग टोपोलॉजी (Ring Topology) –

रिंग टोपोलॉजी (Ring Topology) नेटवर्क में सभी डिवाइस एक रिंग के आकार में जुड़े हुए होते हैं। इस कम्प्यूटर में कोई होस्ट, मुख्य या कंट्रोलिंग कम्प्यूटर नही होता | इसमें सभी कम्प्यूटर एक गोलाकार आकृति में लगे होते है प्रत्येक कम्प्यूटर अपने अधीनस्थ (Subordinate)  कम्प्यूटर से जुड़े होते है, किन्तु इसमें कोई भी कम्प्यूटर स्वामी नही होता है | इसे सर्कुलर (Circular) भी कहा जाता है |

Network Topology - Ring Topology


रिंग नेटवर्क (Ring Network) में साधारण गति से डाटा का आदान-प्रदान होता है तथा एक कम्प्यूटर से किसी दुसरे कम्प्यूटर को डाटा (Data) प्राप्त करने पर उसके मध्य के अन्य कंप्यूटरो को यह निर्धारित करना होता है कि उक्त डाटा उनके लिए है या नही|प्रत्येक डिवाइस में डेटा सिग्नल प्राप्त करने और उन्हें क्रमशः अगले कंप्यूटर पर भेजने के लिए एक रिसीवर और ट्रांसमीटर होता है। यदि यह डाटा उसके लिए नही है तो उस डाटा को अन्य कम्प्यूटर में आगे (Pass) कर दिया जाता है |

रिंग नेटवर्क में डेटा सिग्नल एक सर्कल में यात्रा करते हैं। कंप्यूटर या उपकरण ट्विस्टेड पेयर  केबल, को एक्सियल केबल या ऑप्टिक फाइबर का उपयोग करके रिंग नेटवर्क में जुड़े होते हैं।रिंग टोपोलॉजी को लागू करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोटोकॉल टोकन रिंग और फाइबर डिस्ट्रिब्यूटेड डेटा इंटरफेस (एफडीडीआई) हैं।

लाभ (Advantages) –

  • यह नेटवर्क अधिक कुशलता से कार्य करता है, क्योंकि इसमें कोई होस्ट (Host) या कंट्रोलिंग कम्प्यूटर (Controlling Computer) नही होता |

  • यह स्टार से अधिक विश्वसनीय है, क्योंकि यह किसी एक कम्प्यूटर पर निर्भर नही होता है |

  • इस नेटवर्क की यदि एक लाइन या कम्प्यूटर कार्य करना बंद कर दे तो दुसरी दिशा की लाइन के द्वारा काम किया जा सकता है |

हानि (Disadvantages) –

  • इसकी गति नेटवर्क में लगे कम्प्यूटर्स पर निर्भर करती है | यदि कम्प्यूटर कम है तो गति अधिक होती है और यदि कंप्यूटर की संख्या अधिक है तो गति कम होती है |

  • यह स्टार नेटवर्क की तुलना में कम प्रचलित है, क्योकि इस नेटवर्क पर कार्य करने के लिए जटिल साफ्टवेयर की आवश्यकता होती है |


स्टार टोपोलॉजी (Star Topology) –

स्टार टोपोलॉजी (Star Topology)  में एक होस्ट कम्प्यूटर होता है जिसे सीधे विभिन्न लोकल कंप्यूटरो से जोड़ दिया जाता है| इसमें सभी कंप्यूटर एक केंद्रीय लिंक के माध्यम से जुड़े होते हैं जो स्टार जैसी संरचना बनाते हैं। लोकल कम्प्यूटर आपस में एक-दुसरे से नही जुड़े होते हैं इनको आपस में होस्ट कम्प्यूटर द्वारा जोड़ा जाता है | होस्ट कम्प्यूटर द्वारा ही पूरे नेटवर्क को कंट्रोल किया जाता है| स्टार टोपोलॉजी (Star Topology)  में केंद्रीय लिंक एक हब या स्विच होता है। कंप्यूटर हब से ट्विस्टेड पेयर  केबल, को एक्सियल केबल या ऑप्टिक फाइबर का उपयोग करके जुड़े होते हैं।

Network Topology - Star Topology


स्टार टोपोलॉजी नेटवर्क में कंप्यूटर और उपकरणों को जोड़ने के लिए सबसे लोकप्रिय टोपोलॉजी है। इसमें डेटा सिग्नल को सोर्स  कंप्यूटर से डेस्टिनेशन कंप्यूटर पर हब या स्विच के माध्यम से प्रेषित किया जाता है। स्टार टोपोलॉजी में उपयोग किए जाने वाले सामान्य प्रोटोकॉल ईथरनेट, टोकन रिंग हैं।

 लाभ (Advantages) –

  • इस नेटवर्क टोपोलॉजी में एक कम्प्यूटर से होस्ट (Host) कम्प्यूटर को जोड़ने में लाइन बिछाने की लागत कम आती है |

  • इसमें लोकल कम्प्यूटर की संख्या बढाये जाने पर एक कम्प्यूटर से दुसरे कम्प्यूटर पर सूचनाओ के आदान-प्रदान की गति प्रभावित नही होती है, इसके कार्य करने की गति कम हो जाती है क्योकि दो कम्प्यूटर के बीच केवल होस्ट (Host) कम्प्यूटर ही होता है|

  • यदि कोई लोकल कम्प्यूटर ख़राब होता है तो शेष नेटवर्क इससे प्रभावित नही होता है|

हानि (Disadvantages) –

  • यह पूरा नेटवर्क होस्ट कम्प्यूटर पर निर्भर होता है| यदि होस्ट कम्प्यूटर ख़राब हो जाय तो पूरा का पूरा नेटवर्क फेल हो जाता हैं |

मेश टोपोलॉजी (Mesh Topology) –

मेश टोपोलॉजी को मेश नेटवर्क (Mesh Network) या मेश भी कहा जाता है | मेश एक नेटवर्क टोपोलॉजी है जिसमे सभी कंप्यूटर या डिवाइस (Devices) नेटवर्क नोड (Nodes) के मध्य कई अतिरिक्त अंत:सम्बन्ध (Interconnections) से जुड़े होते है | अर्थात मेश टोपोलॉजी में प्रत्येक नोड, नेटवर्क के अन्य सभी नोड से जुड़े होते है |

Network Topology - Mesh Topology


मेश टोपोलॉजी में सारे कंप्यूटर कहीं न कहीं एक दूसरे से जुड़े रहते हैं और एक दूसरे से जुड़े होने के कारण ये अपनी सूचनाओ का आदान प्रदान आसानी से कर सकते हैं | इसमें कोई होस्ट कंप्यूटर नहीं होता हैं|

लाभ (Advantages) –

  • यह नेटवर्क हाई ट्रेफिक की स्थिति में मार्ग को ध्यान में रखकर उपयोग किया जाता हैं. इसमें किसी भी कंप्यूटर से कई मार्ग से सन्देश भेजा जा सकता हैं.

  • इस नेटवर्क के फ़ैल होने की सम्भावना नगण्य होती है. 

  • इस नेटवर्क में डाटा उच्च सुरक्षा में प्रेषित किया जाता हैं.

हानि (Disadvantages) –

  • पूर्णतः इंटरकनेक्टेड होने के कारण मेश नेटवर्क खर्चीला हैं, क्यूंकि इसमें ज्यादा केबल के साथ साथ हर नोड पर इंटेलीजेंस की आवश्यकता होती हैं. 


ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology) –

ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology) में स्टार तथा बस दोनों टोपोलॉजी के लक्षण विद्यमान होते है | इसमें स्टार टोपोलॉजी की तरह एक होस्ट कंप्यूटर होता है और बस टोपोलॉजी की तरह सारे कंप्यूटर एक ही केबल से जुड़े रहते हैं | यह नेटवर्क एक पेड़ के समान दिखाई देता हैं|

Network Topology - Tree Topology


लाभ (Advantages) –

  • प्रत्येक सेगमेंट (Segment) के लिए प्वाइन्ट एवं केबल बिछाया जाता है |

  • कई हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर विक्रेताओ के द्वारा सपोर्ट किया जाता है |

हानि (Disadvantages) –

  • यदि बैकबोन लाइन टूट जाती है तो पूरा सेगमेंट (Segment) रुक जाता है|

  • अन्य टोपोलॉजी की अपेक्षा इसमें केबल बिछाना तथा इसे कन्फीगर (Configure) करना कठिन होता है |












कंप्यूटर ऑनलाइन मॉक टेस्ट | Computer MCQ Online Test Practice









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उपरोक्त नोट्स आपको कंप्यूटर नेटवर्किंग क्या है? नेटवर्क के प्रकार, नेटवर्क टोपोलॉजी, बस टोपोलॉजी, रिंग टोपोलॉजी, स्टार टोपोलॉजी, मेश टोपोलॉजी एवं ट्री टोपोलॉजी आदि के बारे में जानकारी हेतु सहायक होंगे.

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Data Communication Networking Hindi

What is Data Communication Networking

डाटा कम्युनिकेशन क्या है?


Data Communication - An Introduction


डाटा कम्युनिकेशन क्या है?

कम्युनिकेशन क्या हैं? | What is Communication?

कम्युनिकेशन को हिंदी में संचार कहते हैं किसी जानकारी या सूचनाओं का आदान प्रदान करना संचार कहलाता है। किसी माध्यम से हम अपने जानकारी किसी दूसरे तक पहुंचाते हैं तो इसे संचार (Communication) कहते हैं। कम्युनिकेशन से किसी भी सूचना का आदान-प्रदान बहुत ही आसान तरीके से होता है।

Communication (संचार) का अर्थ सूचनाओं का आदान प्रदान करने से हैं। लेकिन कोई भी सूचना तब तक उपयोगी नहीं हो सकती जब तक कि इन सूचनाओं का आदान प्रदान न हो। जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में कुछ सार्थक चिह्नों, संकेतों या प्रतीकों के माध्यम से विचारों या भावनाओं का आदान-प्रदान करते हैं तो उसे कम्युनिकेशन या संचार कहते हैं।

हमारे पास कम्युनिकेशन के सबसे प्रबल माध्यम में हमारी आवाज और भाषा है और इसके वाहक के रूप में पत्र, टेलीफोन, फैक्स, टेलीग्राम, मोबाइल तथा इन्टरनेट इत्यादि हैं। पहले सूचनाओं या संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में काफी समय लगता था, किन्तु वर्तमान में संदेशों का आदान प्रदान बहुत ही आसान हो गया है। सूचना प्रोद्योगिकी के कारण किसी भी सन्देश को कुछ ही सेकंड्स में सारी दुनिया में भेजा जाना मुमकिन हो गया है।

कम्युनिकेशन एवं सूचना प्रोद्योगिकी | Communication and Information Technology

कम्युनिकेशन का उद्देश्य संदेशो तथा विचारों का आदान प्रदान है। इस कम्युनिकेशन को तेज व सरल बनाने में सूचना प्रोद्योगिकी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। कंप्यूटर, मोबाइल, कम्युनिकेशन डिवाइस एवं इन्टरनेट के द्वारा हम पूरी दुनिया में कही भी व किसी भी समय कम से कम समय एवं खर्च में सूचनाओं व विचारों का आदान प्रदान कर सकते हैं।

कम्युनिकेशन सिस्टम के लिए मूल रूप से तीन शब्दों का उपयोग किया जाता है:
     डाटा (Data)
     सूचना या इनफार्मेशन (Information)
     संकेत या सिग्नल (Signal)

डाटा (Data)

डाटा वह सामग्री है, जिसके माध्यम से सूचना / इनफार्मेशन को ट्रांसफर किया जाता है। डाटा किसी भी प्रकार का हो सकता है जैसे क्रमबद्ध संख्याएँ, टेक्स्ट, चित्र/इमेजेस, ऑडियो वीडियो आदि।

सूचना / इनफार्मेशन (Information)

सूचना / इनफार्मेशन: सूचना / इनफार्मेशन शब्द का का अर्थ है, डाटा की वेल्यू अथवा डाटा को किस तरह से समझा जा रहा है।

सिग्नल (Signal)

जिस माध्यम द्वारा डाटा भेजा अथवा प्राप्त किया जा रहा है वह सिग्नल कहलाता है, जैसे इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स जिनका प्रयोग किसी भौतिक माध्यम द्वारा डाटा प्रेषित करने के लिए किया जाता है। डाटा कम्यूनिकेशन सिस्टम का आउटपुट तीन विशेषताओं - डिलेवरी, एक्यूरेसी या शुद्वता और समयबद्वता पर निर्भर करती है।

डिलेवरी (Delivery)

डिलेवरी (Delivery) - सही गंतव्य पर डाटा की डिलेवरी और इसे केवल उसी डिवाईस या यूजर तक पहुँचना चाहिए जिसके लिए भेजा जा रहा हो।

शुद्धता (Accuracy)

शुद्धता (Accuracy)- डाटा एक्यूरेसी (शुद्धता) तथा पूर्णता के साथ डिलिवर होना चाहिए। ट्रांसमिशन के दौरान परिवर्तित हुआ अथवा अशुद्ध डाटा किसी काम का नहीं रहता है।

समयबद्वता (Timeliness)

समयबद्धता (Timeliness) - डाटा की डिलेवरी समयबबद्ध तरीके से हो जानी चाहिए। विलंब से डिलिवर होने वाले डाटा का कोई उपयोग नहीं रहता है। वीडियो और ऑडियो की स्थिति में, टाईमली डिलेवरी का अर्थ है, डाटा के तैयार होते ही इसे बिना किसी विलंब के उसी क्रम में डिलेवर हो जाना, जिस क्रम में वह जनरेट हुआ है। इस तरह की डिलेवरी को रीयल टाईम ट्रांसमिशन भी कहते है।

संचार प्रक्रिया| Communication Process

कम्युनिकेशन का मुख्य उद्देश्य डाटा व सूचनाओ का आदान प्रदान करना होता है| डाटा कम्युनिकेशन से तात्पर्य दो समान या विभिन्न डिवाइसों के मध्य डाटा का आदान प्रदान से है अर्थात कम्युनिकेशन करने के लिए हमारे पास समान डिवाइस होना आवश्यक है |

कम्युनिकेशन प्रोसेस क्या है?

संचार प्रक्रिया (Communication Process ) में सूचना का प्रेषक (Sender), सूचना का रिसीवर (Reciever), संचार के लिए उपयोग की जाने वाली भाषा (Medium), और संचार को स्थापित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला माध्यम (Protocol) शामिल है। कंप्यूटर के बीच संचार भी एक समान प्रक्रिया का अनुसरण करता है। किसी कम्युनिकेशन प्रोसेस के 5 मुख्य तत्व (Element) होते हैं|
    संदेश (Message)
    प्रेषक (Sender)
    माध्यम (Medium)
    प्राप्तकर्ता (Receiver)
    प्रोटोकॉल (Protocol)

कम्युनिकेशन के प्रकार | Mode of Communication

जिस प्रकार सड़क पर वन वे ट्रेफिक या टू वे ट्रेफिक होता है, उसी प्रकार कम्युनिकेशन चैनल के मोड होते हैं। कम्युनिकेशन चैनल तीन प्रकार के होते हैं:-
    सिम्पलेक्स (Simplex),
    हाफ ड्यूप्लेक्स (Half Duplex)
    फुल ड्यूप्लेक्स (Full Duplex)|

Mode of Communication

सिम्पलेक्स (Simplex)

इस अवस्था में डाटा का संचरण सदैव एक ही दिशा में होता हैं| अर्थात हम अपनी सूचनाओ को केवल भेज सकते है प्राप्त नहीं कर सकते सिम्पलेक्स कम्युनिकेशन कहलाता हैं | उदाहरणार्थ- कीबोर्ड, कीबोर्ड से हम केवल सूचनाये भेज सकते है प्राप्त नहीं कर सकते |

अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex)

इस अवस्था में डाटा का संचरण दोनों दिशाओ में होता है लेकिन एक समय में एक ही दिशा में संचरण होता है| यह अवस्था वैकल्पिक द्वि-मार्गी (Two way alternative) भी कहलाती है| अर्थात् इस अवस्था में हम अपनी सूचनाओ को एक ही समय में या तो भेज सकते है या प्राप्त कर सकते है| उदाहरणार्थ- हार्डडिस्क (Hard disk), हार्डडिस्क से डाटा का आदान प्रदान अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex) अवस्था में होता है| जब हार्डडिस्क पर डाटा संगृहीत (Save) किया जाता है तो उस समय डाटा को हार्डडिस्क से पढ़ा नहीं जा सकता है और जब हार्डडिस्क से डाटा को पढ़ा जाता है तो उस समय हम डाटा को संगृहीत (Save) नहीं कर सकते |

पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex)

इस अवस्था में डाटा का संचरण एक समय में दोनों दिशाओं में संभव होता है हम एक ही समय में दोनों दिशाओ में सूचनाओं का संचरण कर सकते है | अर्थात हम एक ही समय में सूचनाएं भेज भी सकते है और प्राप्त भी कर सकते है पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex) कहलाता हैं | उदाहरणार्थ- Smart Phone

डेटा कम्यूनिकेशन / ट्रांसमिशन के माध्यम | Medium of Data Communication / Transmission

ट्रांसमिशन मीडियम / माध्यम से डाटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में भेजा जाता है। एक कंप्यूटर से टर्मिनल या टर्मिनल से कंप्यूटर तक डाटा भेजने अथवा प्राप्त करने के लिए किसी माध्यम (Medium) की आवश्यकता होती है जिसे कम्यूनिकेशन लाइन या डाटा लिंक कहते हैं। ट्रांसमिशन मीडियम निम्न प्रकार के होते हैं:–
    ट्विस्टेड पेयर केबल (Twisted Pair Cable)
    को-एक्सेल केबल (Coaxial-Cable)
    ऑप्टिकल फाइबर (Optical Fiber)
    माइक्रोवेव ट्रांसमिशन (Microwave Transmission)
    उपग्रह संचार (Satellite Communication)

ट्विस्टेड पेयर केबल (Twisted Pair Cable)

ट्विस्टेड पेयर केबल (Twisted Pair Cable) में प्लास्टिक या टेफ्लॉन जैसी इन्सुलेट सामग्री के साथ कॉपर वायर चार जोड़े / पेयर होते हैं, जो कि एक साथ मुड़ जाते हैं। तारों का घुमाव बाहरी स्रोतों से विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप / इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस को कम करता है। कम लागत की वजह से ट्विस्टेड पेयर केबलिंग का इस्तेमाल अक्सर डेटा नेटवर्क में शॉर्ट और मीडियम लेंथ कनेक्शन के लिए किया जाता है।

ट्विस्टेड पेयर केबल

ट्विस्टेड पेयर केबल दो प्रकार की होती है- शील्डेड ट्विस्टेड पेयर (एसटीपी) (Sheilded Twisted Pair), और अनशील्डेड ट्विस्टेड पेयर (यूटीपी) (Unsheilded Twisted Pair)।

शील्डेड ट्विस्टेड पेयर (एसटीपी) (Sheilded Twisted Pair) केबल में कॉपर वायर के पेयर और बाहरी आवरण के बीच एक मेटल फॉयल की एक अतिरिक्त परत होती है। यह मेटल फॉयल बाहरी हस्तक्षेप से अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है।

अनशील्डेड ट्विस्टेड पेयर (यूटीपी) (Unsheilded Twisted Pair) केबल 100 मीटर तक की कम दूरी पर डाटा कम्युनिकेशन के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला माध्यम है। UTP केबल में चार जोड़े तारों में से, केवल दो जोड़े संचार के लिए उपयोग किए जाते हैं। UTP केबल को विभिन्न श्रेणियों में परिभाषित किया गया है। आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला यूटीपी केबल कैट -5 (CAT-5) , कैट-6 (CAT-6) केबल हैं , जिनका उपयोग तेज ईथरनेट के साथ किया जाता है।

को-एक्सियल केबल (Coaxial-Cable)

को-एक्सियल केबल (Coaxial-Cable) में एक सिंगल इंटरनल कंडक्टर होता है जो विद्युत संकेतों को प्रसारित करता है; बाहरी कंडक्टर अर्थिंग के रूप में कार्य करता है। दो कंडक्टर इन्सुलेशन द्वारा अलग किए जाते हैं। यह उच्च गुणवत्ता के संचार के माध्यम है. ये जमीन या समुद्र के नीचे से ले जाए जाते हैं. इस कंडक्टर के ऊपर तार की एक जाली होती हैं जिसके भी ऊपर एक और कंडक्टर की परत होती हैं.

Coaxial-Cable

ये टेलिफोन तार की तुलना मे बहुत महंगा होता है पर ये अधिक डेटा को ले जा सकता है. इसका उपयोग केवल टीवी नेटवर्क या फिर कंप्यूटर नेटवर्क मे किया जाता हैं.

ऑप्टिकल फाइबर (Optical Fiber)

ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग बड़ी दूरी पर जानकारी के प्रसारण के लिए किया जा रहा है. यह एक नई तकनीक हैं जिसमे धातु के तार या केबल के जगह विशिष्ट प्रकार के ग्लास फाइबर का उपयोग किया जाता हैं. ऑप्टिकल फाइबर विद्युत संकेतों के बजाय डेटा को प्रकाश संकेतों के रूप में प्रसारित करता है। ये बहुत ही हलकी और और बहुत ही तेजी से डाटा अदान प्रदान करने मे कारगर होती हैं. यह प्रकाश को आधार बना कर उसी के माध्यम से डाटा को भेजती है. यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता हैं.

Optical Fiber Cable

एक ऑप्टिकल फाइबर केबल में तीन परतें होती हैं: कोर (CORE) - ऑप्टिकल फाइबर कंडक्टर (ग्लास) होता है जो प्रकाश को प्रसारित करता है. क्लैडिंग (CLADDING) - एक ऑप्टिकल मटेरियल जो कोर को बाहर निकलने से रोकने के लिए कोर को कवर करती है, और जैकेट (JACKET) - फाइबर को किसी भी होने वाले नुकसान से बचाने के लिए प्लास्टिक से बना बाहरी आवरण।

माइक्रोवेव ट्रांसमिशन (Microwave Transmission)

इस सिस्टम मे सिग्नल रेडियो सिग्नल की तरह संचारित किये जाते हैं. माइक्रोवेव ट्रांसमिशन एक माइक्रोवेव लिंक पर सूचना प्रसारित करने की तकनीक है। माइक्रोवेव में रेडियो तरंगों की तुलना में उच्च आवृत्ति की तरंगें होती है। सभी दिशाओं (जैसे रेडियो तरंगों) में प्रसारण के बजाय, माइक्रोवेव प्रसारण को एक ही दिशा में ट्रांसमिट किया जा सकता है।

Microwave Transmission

माइक्रोवेव का उपयोग करते समय ट्रांसमीटर और रिसीवर के बीच एक स्पष्ट मार्ग होता है। एक सिस्टम मे डाटा एक सीधी रेखा मे गमन करती है तथा एंटीना की भी आवश्कता होती हैं. लगभग तीस किलोमीटर पर एक रिले स्टेशन की भी जरुरत होती है. इसका उपयोग टीवी प्रसारण और सेल्युलर नेटवर्क मे किया जाता हैं. यह स्टैंडर्ड टेलिफोन लाइन और को-एक्सेल केबल की तुलना मे तीव्र गति से संचार अदान प्रदान करता हैं.

उपग्रह संचार (Satellite Communication)

उपग्रह के साथ रेडियो फ्रिक्वेंसी ट्रांसमिशन को मिलाकर लंबी दूरी तक संचार प्रदान किया जा सकता है। जियोसिंक्रोनस उपग्रहों को पृथ्वी की सतह के ऊपर 36,000 किमी की दूरी पर पृथ्वी के रोटेशन के साथ सिंक्रोनाइज़ की गई एक कक्षा में रखा गया है। पृथ्वी से देखे जाने पर जियोसिंक्रोनस उपग्रह स्थिर दिखाई देते हैं। उपग्रह में ट्रांसपोंडर होते हैं जो आरएफ संकेतों को प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें एक अलग कोण पर जमीन पर वापस भेज सकते हैं। समुद्र के एक तरफ एक ग्राउंड स्टेशन उपग्रह को सिग्नल भेजता है जो बदले में समुद्र के दूसरी तरफ ग्राउंड स्टेशन को सिग्नल भेजता है. इसका उपयोग उपग्रह फोन, टीवी, इन्टरनेट और कई वैज्ञानिक कारण से किया जाता हैं.

पग्रह संचार (Satellite Communication)

उपग्रह संचार तीव्र गति के डेटा संचार का माध्यम है. यह लंबी दूरी के संचार के लिए आदर्श माना जाता हैं. अंतरिक्ष मे स्थित उपग्रह को जमीन पर स्थित स्टेशन से सिग्नल भेजा जाता है. उपग्रह उस सिग्नल का विस्तार कर दूसरे जमीनी स्टेशन को पुनः भेजता है. एक सिस्टम मे विशाल डेटा के समूह को कम समय मे अधिकतम दूरी पर भेजा जाता हैं.












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उपरोक्त नोट्स आपको डाटा कम्युनिकेशन क्या है, डाटा कम्युनिकेशन के प्रकार, डाटा कम्युनिकेशन की विधियाँ, कम्युनिकेशन के माध्यम , डाटा कम्युनिकेशन मीडियम आदि के बारे में जानकारी हेतु सहायक होंगे. अगले टॉपिक में कंप्यूटर नेटवर्किंग एवं टोपोलॉजी (Computer Communication) का अध्ययन करेंगे. 


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